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Thursday 3 September 2015

कपिल शर्मा - फिल्म "किस किसको प्यार करूं"



 कॉमेडी की दुनिया में बुलंदियों पर पहुंच चुके कपिल शर्मा अब बड़े पर्दे पर भी नजर आने वाले हैं। कॉमेडी के बलबूते देश-विदेश में घर-घर पहचान बनाने में सफल रहे कपिल को निर्देशक अब्बास-मस्तान ने अपनी आगामी फिल्म "किस किसको प्यार करूं" से रूपहले पर्दे पर बेहतरीन मौका दिया है। 

कपिल शर्मा को उनका पहला ब्रेक ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ से मिला। इसके साथ ही वह फेम शो ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ से काफी प्रसिद्ध हुए। इस शो से पहले कपिल शर्मा 9 रियलिटी टीवी शो जीत चुके थे। इस मल्टीटेलेंटेड एक्टर नें अपने प्रतिभाशाली हुनर से काॅमेडी सर्कस के सभी छः सीजन जीते। आईकाॅनिक काॅमेडियन बनने के बाद अब कपिल शर्मा अपनी पहली फिल्म ‘किस किस को प्यार करूं’ से लोगों को आश्चर्यचकित करने को तैयार है। 

हमें अपने छोटे परदे से लेकर बड़े पर्दे की अब तक की जर्नी के बारे में कुछ बताइए?


मैं हमेशा से एक स्टैंड अप काॅमेडियन व गायक बनना चाहता था। मैं एक अभिनेता बनूंगा ये मैंने कभी नहीं सोचा था। इसके साथ ही मुझे एक शो मिला जिसका नाम स्टार या राॅकस्टार था इस शो के जरिए मैंने अपने गायक बनने का सपना पूरा किया। इसके बाद मैंने गायक बनने के लिए कभी अपना लक नहीं आजमाया तो मैने स्टैंड अप काॅमेडी करना शुरू कर दिया। अगर मैं सीधे ही एक्टर बन गया होता तो मुझे विशवास नहीं होता। मैं पिछले 11-12 सालों से काम कर रहा हूं इसलिए अब मैं कैमरे के अनुकूल हो गया हूं और इसी वजह से फिल्म में काम करना मेरे लिए काफी मददगार साबित हुआ।

इस फिल्म में मैं एक ऐसे व्यक्ति का रोल निभा रहा हूं जो एक अच्छा इंसान है। उसकी डिक्शनरी में ना शब्द है ही नहीं और तो और वह हमेशा ही दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता है। इसी सहायक व्यवहार की वजह से उसकी शादी तीन औरतों के साथ हो जाती हैं, यहा तक की उसकी एक गर्लफ्रैंड भी होती हैं। फिल्म की कहानी इन्हीं स्थितियों व उनसे निपटनें की कहानी पर आधारित हैं।

इस फिल्म की खासियत यह है कि लोग जैसा मुझे देखना चाहते हैं, वैसा ही लुक मुझे दिया गया है। इसके अलावा पहले लोगों को आशंका थी कि अब्बास-मस्तान की फिल्म है तो मर्डर-मिस्ट्री टाइप ही होगी, लेकिन फिल्म का प्रोमो आते ही हमारे चाहने वालों के जहन से वह शंका भी क्लीयर हो गई। इस फिल्म को भी ऑडियंस का भरपूर प्यार मिलेगा, क्योंकि यह हमारे शो की तरह ही फैमिली के साथ देखने वाली मनोरंजक फिल्म है।

चार हीरोइनों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?


इसकी खूबसूरती यही है कि बंदा न चाहते हुए भी चार हीरोइनों को साथ लेकर चलता है। हकीकत तो यह है कि बंदा चाहता नहीं है कि उसकी तीन बीवी और एक गर्लफ्रेंड हो, लेकिन वह जानबूझकर कुछ नहीं करता, बस उसके साथ एक्सिडेंटली ऐसा होता जाता है। अब जब हो ही रहा है तो वह किसी का दिल भी नहीं तोडऩा चाहता है। अपने प्यार को संभालने के साथ ही तीनों बीवियों को वह कैसे हैंडल करता है जैसा अनुभव मेरे लिए खास रहा। साथ ही इस फिल्म की यही खासियत और खूबी भी है।
यह मेरी पहली फिल्म हैं और इस फिल्म में मेरी 4 हीरोइनें हैं व अब्बास-मस्तान द्वारा इसे निर्देशित किया गया है। इस फिल्म में मैंने काम करने का भरपूर आनंद लिया है। असल में ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ शो को शूट करना काफी तनावपूर्ण रहता है कभी-कभी तो हमें 16-18 घंटे दिन-रात शूट करना पड़ता है इस कारण अगर मुझे कमर दर्द व पीठ दर्द की दिक्कत भी होती है तो पेनकिलर की मदद से शूट जारी रखना पड़ता हैं। यहा तक कि शो के आखिरी पल में भी स्क्रिप्ट में भी बदलाव करने पड़ते हैं पर फिल्मों की शूटिंग की बात करे तो यह पूरी तरह से अलग है फिल्मों में, एक शाॅट देने के बाद अपने वैनिटी वैन में आराम कर दूसरे शाॅट के तैयार होने का इंतजार कर सकते है। इसके साथ ही स्क्रिप्ट, डायलाॅग्स पहले से मिल जाते हैं जिसे शाॅट शुरू होने से पहले बस एक बार पढ़ने की जरूरत होती है। ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ शो में मेरे अधिक जिम्मेदारी है के कारण मुझ पर काफी दबाव रहता है। वही फिल्म में हर कोई अपने रोल को अच्छे से जानता है जिससे दबाव सिर्फ एक पर नहीं रहता सब में बराबर में बट जाता हैं। फिल्म की शूटिंग की वजह से मेरी जिंदगी में काफी सुधार आया। 

एक कॉमेडियन के लिए रोमांस करना कितना मुश्किल रहा?

 नहीं-नहीं... ऐसा तो कुछ नहीं है। राजस्थान में एक पेपर ने छाप दिया था कि मुझे शूटिंग के दौरान पसीना आया, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था। वहां पर गर्मी इतनी थी कि मुझे पसीना आ रहा था। वैसे भी यह तो अच्छी चीज है। हमें टीवी शोज में ऐसा करने का मौका नहीं मिल पाता है, जबकि इस फिल्म में रोमांस करने का भरपूर मौका मिला।

इस फिल्म को साइन करने का कारण क्या रहा?

हकीकत तो यह है कि पहले मुझे तीन फिल्में करनी थीं, लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा संभव नहीं हो सका। वैसे भी टीवी पर प्रसारित हो रहे मेरे शो की वजह से मेरा किचन तो सेफ है। इसलिए अब मैं भी फिल्म भी ऐसी करना चाहता हूं, जो लोगों को पसंद आए। जैसे- ये तीन बीवियों और एक गर्लफ्रेंड वाला कॉन्सेप्ट नया है, कुछ इस तरह का ही। पहले तो मैं काम करता था, लेकिन अब मुझे कॉमेडी शो एक जिम्मेदारी लगने लगी है, क्योंकि इस शो से मुझे लोगों का भरपूर प्यार मिला है। इसी सिलसिले में जब मैं अब्बास-मस्तान से मिला तो उन्होंने कहा कि यह फिल्म मेरे पास काफी समय से पड़ी थी, क्योंकि मुझे इसके लिए एक कॉमेडी पर्सन चाहिए था, जिसकी टाइमिंग सटीक हो। फिर उन्होंने कहा कि मैं आपके शो का फैन हूं और यह फिल्म मुझे तुम्हारे साथ ही करनी है। यह बात सुनते ही मैंने सोचा कि इतने बड़े डायरेक्टर को मुझ पर भरोसा है तो भला मैं उन्हें न कैसे कर सकता हूं। बस, इस तरह से मैंने फिल्म का साइन कर लिया।

अब फिल्म के बारे में कुछ बताइए?

इस फिल्म में मेरा नाम शिव राम किशन। मां ने मेरा नाम रखा है कि बेटा मुंबई में जाकर कुछ अच्छा करेगा और धार्मिक प्रवृत्ति का रहेगा। उसने मुंबई आकर इतनी तरक्की कर ली है कि वह एक बड़ी कंपनी का सीईओ बन गया है। बस, इसी नाम का फायदा उठाते हुए मैं तीन बीवियों और अपनी गर्लफ्रेंड को हैंडल कर पाता हूं।

क्या आपने कभी सोचा था कि आप इस मुकाम पर पहुंच पाएंगे, किसके जैसा बनना चाहते थे आप?

किसी के जैसा तो बनना भी ठीक नहीं होगा। दरअसल, आज लोग एक चीज को बार-बार एक जैसे अंदाज और फ्लेवर में देख जरा भी पसंद नहीं करते। दुनिया में कुछ नया करने के लिए आपको लोगों से हटकर कुछ अलग करने की जरूरत होती है। इसके लिए इंडस्ट्री से मैंने काफी कुछ सीखा भी है। जब भी मैं बच्चन साहब को देखता हूं कि वे पर्दे पर कॉमेडी और रोमांस के साथ ही एक्शन भी करते हैं तो लगता है कि एक इंसान चाहे तो भला क्या नहीं कर सकता... खैर, अब्बास-मस्तान से भी बहुत कुछ सीखने को मिला। वे जितना दिखने में भोले लगते हैं, हकीकत में वैसे हैं नहीं। एक शॉट में जब मुझे हीरोइन के साथ दिखाना था तो वे ही बोलने लगे कि ऐसे नहीं, थोड़ा और खींचो, फिर बाहों में समेटकर गले से लगाओ.. बड़े ही छिपे रुस्तम हैं वे।

आपने फिल्म में गाने गाए हैं?

इस फिल्म में मैंने दो गाने गाये है। जिसमें से एक गाना क्लब पर आधारित हैं और डा. जीसस द्वारा इसका संगीत दिया गया है। ये गाना खासतौर पर मेरे युवा फैंस के लिए हैं। इस गाने का लिरिक्स काफी फैंस है मुझे विश्वास हैं कि लोगों को यह गाना जरूर ही पसंद आएगा। मेरा दूसरा गाना अंतरा पर आधारित हैं। मुझे विश्वास है कि क्लब गीत को दर्शकों द्वारा सराहा जाएगा। इसके साथ ही इस साल के क्रिसमस व दिवाली का यह क्लब साँग बन जाएगा।

थ्रिलर मूवी की पहचान बना चुके निर्देशक अब्बास-मस्ततान कॉमेडी में कितना सहज रहे?


 
मैं बचपन से ही उनके द्वारा किये गए काम का बहुत बड़ा फैन रहा हूं। यह मेरी पहली फिल्म है इसलिए मुझे नहीं पता था कि फिल्म कैसे बनती है लेकिन अब्बास-मस्तान जैसे अच्छे फिल्ममेकर्स के साथ काम करने का अनुभव बहुत बढि़या रहा। वह उन बेहतरीन निर्देशकों में से है जिनके साथ हर कोई अपनी पहली फिल्म बनाना चाहता है।
यह भी थ्रिलर ही है, जिसकी तीन-तीन बीवियां हों, जरा सोचिए उसका क्या हाल होगा। बहरहाल, वे बेहतरीन डायरेक्टर्स हैं। उन्हें अपनी कहानी के साथ न्याय करना बखूबी आता है। इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ता कि मर्डर-मिस्ट्री या थ्रिलर फिल्मों के अलावा वे कॉमेडी और रोमांटिक फिल्में नहीं बना सकते। उनके निर्देशन का लोग पहले की तरह इस बार भी तारीफ ही करेंगे.

आपके पसंदीदा काॅमेडियन कौन है जिससे आपको प्रेरणा मिली?

महमूद सर से लेकर जाॅनी लीवर और अमानुलाह खान इन सभी के कामों से मुझे काॅमेडियन बनने की प्रेरणा मिली है हालांकि मैंने काॅमेडी की तुलना में अधिक गंभीर काम भी किया है और वो हैं अमृतसर और दिल्ली में थिएटर।

इंडस्ट्री में आ रहे नए लोगों के बारे में आपकी क्या राय है और उन्हें नसीहत देना चाहेंगे।

इंडस्ट्री में सभी मेरे दोस्त हैं। आजकल कम्पटीशन के जमाने में सभी लोग मेहनती और जुझारू हैं तो सभी लोग अच्छा ही कर रहे हैं। मैं देखकर दंग रह जाता हूं कि लोग डांस सीख रहे हैं और घुड़ सवारी की टे्रनिंग ले रहे हैं, मेरे तो बस की बात ही नहीं है। रही बात नसीहत की तो भला मैं कौन होता हूं...


सफलता के लिए आपका मंत्र क्या है?

मैं अपने रोल को निभाने के लिए बहुत मेहनत करता हूं और मैं यह उम्मीद करता हूं कि एक एक्टर के तौर पर लोग मुझे पसंद करेंगे। फिलहाल तबीयत खराब रहने के चलते चैनल और हमारी टीम ने ‘कपिल नाईट विद कपिल’ को ब्रेक देने का प्लान बनाया है बजरंगी भाई हमारा आखिरी शो थ

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