जी हा अभिनेता अली ज़फर सिर्फ परदे पर ही हीरो नहीं है वे असलियत में भी एक हीरो है। अली ने अंडर १७ स्क्वाश प्लेयर नूरैन शम्स को इंटरनेशनल टूर्नामेंट के लिए मदत करने का फैसला किया है क्यूंकि अथॉरिटीज ने नूरैन को मदत करने से मना कर दिया था । यह स्क्वाश प्लेयर अंडर १९ एशिया में तीसरे नंबर महिला की खिलाडी होने के साथ पाकिस्तान की सबसे युवा ओलम्पिक की खिलाडी है। वे एक कलाकार है और अंडर १३ में सायकल चैंपियन रह चुकी है और वे पेशावर के अंडर १९ क्रिकेट टीम का हिस्सा भी है। यह प्रतिभावान कलाकार , सायकलिस्ट , स्क्वाश प्लेयर और क्रिकेटर नूरैन इस साल होने वाले एशियन स्क्वाश टूर्नामेंट में हिस्सा लेना चाहती थी अगर खुदसे इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले तो होने वाला खर्च बहुत ही ज्यादा होता है ,या तो फिर यह खर्च सरकार को उठाना होता है ।
यह प्रतिभावान खिलाडी किसी स्पॉनसर की तलाश में थी बतौर निजी पार्टिसिपेंट। नूरैन कई संस्था को मदत की गुहार लगायी पर कोई बात नहीं बनी वह अपने देश के लिए खेलने का सपना पूरा करना चाहती थी। एक आयोजन में अली जफ़र गए थे तब नूरैन के बारे में उनके टीम मेट्स आपस में बातें कर रहे थे तब अली ने उनकी यह बाते सून नूरैन से संपर्क किया और उसे मदत करने का कहाँ तब इस खिलाडी को विश्वास नहीं हो रहा था की उसके फेवरेट कलाकार ने उसे कॉल किया है इस से नूरैन की आँखे भर आयी ।
नूरैन कहती है " मुझे स्पॉनसर मिलने के बाद मेरा करियर ख़त्म होने से बच गया। में कभी सोच नहीं सकती थी की कोई फिल्म का हीरो रियल लाइफ हीरो होगा जो मेरे सपने पुरे करेगा। जब अथॉरिटीज ने मना किया तब बहुत दुःख हुआ था पर वे भी सही है क्यूंकि वे सबसे अच्छे प्लेयर को आगे लेकर जाना चाहते है उनकी भी मजबूरी होगी। अब मुझे मौका मिला है और इस मौके का फायदा लेकर बेहतर खेल दिखाउंगी। सबको दूसरा मौका मिलाना चाहिए जैसे मेस्सी पहले मैच में गोल नहीं कर सके पर दूसरी मैच में उन्होंने गोल किया था और उनका बेहतरीन सफर वहा से शुरू हुआ मुझे लगता है मेरे लिए एक फरिश्ता आया है जो मुझे मदद कर रहा है।